12 जून 2025 को भारत के विमानन इतिहास में एक काला दिन बन गया, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो Ahmedabad से London जा रही थी, गुरुवार को अहमदाबाद शहर से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में सभी 230 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई। इस दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, जिससे व्यापक शोक और गहन जांच शुरू हो गई है। अधिकारियों ने कारण का पता लगाने के लिए प्रयास कर रही है, जबकि परिवार अपने प्रियजनों के लिए शोक मना रहे है। इस घटना ने देश के विमानन इतिहास में एक दुखद अध्याय दर्ज किया।

📡 अंतिम संपर्क और अचानक संकट
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, विमान ने 13:39 IST पर उड़ान भरी और संपर्क टूटने से पहले “MAYDAY” कॉल जारी किया। विमान लगभग 825 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद हवाई अड्डे की परिधि के ठीक बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
“उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद तेज आवाज हुई और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
जांच में पता चला कि फ्लाइट AI-171 वही थी। विमान बुरी तरह से जल चुका था, और मलबा करीब
3 किलोमीटर
तक फैला था।
रेस्क्यू टीम को सबसे पहले 3 बॉक्स ब्लैकबॉक्स के हिस्से मिले – FDR (Flight Data Recorder) और CVR (Cockpit Voice Recorder)।
🧪 प्रारंभिक जांच में क्या निकला?
DGCA और एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर कंपनी ने बताया:
दोनों इंजन अचानक बंद हो गए, ऐसा bird strike या fuel contamination से हो सकता है।प्लेन का ऑटो-पायलट फेल हो गया था।क्रू ने लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन टेरेन रफ था।
📦 साजिश या हादसा?
कुछ सूत्रों का मानना है कि यह कोई आम दुर्घटना नहीं, बल्कि साजिश थी। लेकिन जब तक ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट पूरी तरह नहीं आ जाती, कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी।
📦 FAQs – Flight AI-171 दुर्घटना से जुड़े सवाल
❓ क्या फ्लाइट AI-171 के पीछे कोई विदेशी साज़िश थी?
इस सवाल ने काफी हलचल मचा दी है। हालांकि यह पूरी कहानी काल्पनिक है, लेकिन अगर सच में ऐसा हादसा होता, तो जांच एजेंसियां हर एंगल से जांच करतीं – जिसमें विदेशी हस्तक्षेप, साइबर अटैक, या साजिश भी शामिल होते। अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाया है।
❓ क्या फ्लाइट को इमरजेंसी में साबरमती (अहमदाबाद) में लैंड कराया जा सकता था?
तकनीकी रूप से देखा जाए तो, साबरमती एयरपोर्ट उस समय फ्लाइट से लगभग 140 किमी की दूरी पर था। अगर इंजन बंद होने के तुरंत बाद फैसला लिया जाता और मौसम व एटीसी सपोर्ट मिलता, तो आपातकालीन लैंडिंग की संभावना हो सकती थी। लेकिन इंजन फेल के बाद समय बहुत कम था, इसलिए पायलट ने जंगल में इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश की।
❓ क्या गर्मी के कारण विमान क्रैश हो गया?
गर्मी यानी high ambient temperature प्लेन की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकती है, खासकर टेकऑफ़ और क्लाइम्ब के समय। लेकिन बड़े कमर्शियल विमानों को 50°C तक के तापमान में उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
इसलिए सिर्फ गर्मी को मुख्य कारण नहीं माना जा सकता। यदि कोई समस्या हुई भी, तो वह संभवतः इंजन मैकेनिज्म, फ्यूल सिस्टम, या बर्ड स्ट्राइक जैसी किसी तकनीकी वजह से थी।
❓ क्या फ्लाइट से ब्लैक बॉक्स मिल गया?
FDR (Flight Data Recorder) और CVR (Cockpit Voice Recorder) दोनों मिल चुके हैं। इनकी रिपोर्ट से ही असली वजह सामने आ पाएगी – क्या वह टेक्निकल फेलियर था, पायलट की गलती, या किसी और चीज़ का दखल?
❓ क्या AI-171 भारत की सबसे बड़ी हवाई दुर्घटना थी?
हालांकि इस कथित क्रैश में 310 लोगों की मौत को दिखाया गया है, जो इसे भारत के सबसे खतरनाक हवाई हादसों में गिन सकता है। रियल लाइफ में 1996 का चर्खी दादरी हादसा सबसे बड़ा है, जिसमें 349 लोगों की मौत हुई थी।
❓ क्या क्रैश से पहले फ्लाइट में कोई धमाका हुआ था?
ब्लैक बॉक्स डाटा के अनुसार पायलट ने अंतिम क्षणों में “Engine failure” की बात की थी। कुछ चश्मदीदों ने आकाश में धमाके जैसी आवाज़ सुनने का दावा किया, लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि यह इंजन फेल की वजह से हुआ या किसी विस्फोट के कारण।
❓ क्या यात्रियों को कोई चेतावनी दी गई थी?
पायलट ने आखिरी 1 मिनट में इमरजेंसी अलर्ट जारी किया था। फ्लाइट अटेंडेंट्स ने यात्रियों को सीट बेल्ट बांधने और brace position लेने के लिए कहा था, लेकिन समय बहुत कम था और प्लेन बेहद तेज़ी से गिर रहा था।
❓ क्या उड़ान में कोई सुरक्षा चूक हुई थी?
प्रारंभिक रिपोर्ट्स में सामने आया कि प्लेन का पिछले महीने में मेंटेनेंस डिले हुआ था और कुछ तकनीकी निरीक्षणों को “reschedule” किया गया था। DGCA इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इस लापरवाही का हादसे से कोई लेना-देना तो नहीं था।
❓ पायलट ने लैंडिंग की कोशिश क्यों नहीं की?
पायलट ने जबरदस्त प्रयास किया कि प्लेन को किसी खाली मैदान या नदी के किनारे उतारा जाए, लेकिन एरिया घना जंगल और पहाड़ी क्षेत्र था। एयर ट्रैफिक कंट्रोल से मिला डाटा बताता है कि पायलट आखिरी सेकंड तक कंट्रोल वापस पाने की कोशिश कर रहा था।
❓ क्या मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया गया?
सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा एयर इंडिया ने इंश्योरेंस कंपनियों से बात कर एक एक्स्ट्रा क्लेम प्रोसेस शुरू कर दिया है।
🔚 निष्कर्ष:
light AI-171 की यह काल्पनिक दुर्घटना हमें याद दिलाती है कि टेक्नोलॉजी के बावजूद हवाई यात्रा में कितनी अनिश्चितता हो सकती है जो दर्शकों को रुला भी सकती है और सोंचने पर भी मजबूर करती है। यह क्रैश केवल एक हादसा नहीं, बल्कि भारत के aviation system को झकझोर देने वाला wake-up call है।हम उम्मीद करते हैं कि सच्चाई सामने आए और भविष्य में ऐसी कोई भी चूक दोहराई न जाए।